Pages

Tuesday, March 15, 2022

काश्मीरी पंडितों की 33 वर्ष पूर्व की पीड़ा, The Kashmir Files.

 The Kashmir Files | Official Trailer I Anupam I Mithun I Darshan I Pallavi I Vivek I 11 March 2022 *👉🌟1/49, शर्मनिरपेक्ष संविधान व शोधन:👈* *▶DD-Live YDMS👑 दूरदर्पण* *युदस नदि 14 मार्च 2022:* काश्मीरी पंडितों की 33 वर्ष पूर्व की पीड़ा, जिसे कांग्रेस ने बोया, सींचा और पाला पोसा। जिसे देखकर, उस पीड़ा को हर मानव अनुभव करेगा। t.me/ydmsjhj The Kashmir Files | Official Trailer I Anupam I Mithun I Darshan I Pallavi I Vivek I 11 March 2022. A must seen film based on real stories about tragedy of Kashmiri pandit faced about 33 year back. -तिलक रेलन आज़ाद वरिष्ठ पत्रकार संपादक युगदर्पण मीडिया समूह YDMS👑 https://youtube.com/playlist?list=PL3G9LcooHZf2U_6apbxRZdpCpvLeIsN2w 

 फिल्म फैशन क्लब फंडा :--(चमकता काला सच)|

राष्ट्रहित सर्वोपरि। इदं न मम्! इदं राष्ट्राय स्वाहा!

#वन्दे मातरम! राष्ट्रहित सर्वोपरि। इदं न मम्! इदं राष्ट्राय स्वाहा! 

नकारात्मक भ्रामक मीडिया का सकारात्मक सार्थक विकल्प YDMS👑 

क्या आप भारत से प्रेम करते हैं एवं इसके मूल तत्व को मिटाने वाले कुचक्रों को रोकना चाहते हैं? राष्ट्रहित में देश की जड़ों से जुड़ना एवं जोड़ना चाहते है; तो प्रस्तुत है, नकारात्मक भ्रामक मीडिया का सकारात्मक सार्थक विकल्प YDMS👑 । आप किसी भी प्रदेश व भाषा से हों, किसी भी आयु वर्ग के, जाति समुदाय के महिला पुरूष हों, राष्ट्रीय चिंतन है तो जुड़ सकते हैं। अधिक समय क्षमता सामर्थ्य बिना देश के लिए कुछ समय, घर में बैठकर मोबाइल पर ही दे सकते हैं। 

काश्मीर से कन्याकुमारी, पूर्वोत्तर सीमांत से गुजरात भारत एक है! इस भावना से भारत का हर सपूत YDMS👑 पर आमंत्रित है। सर्व प्रादेशिक, विविध विषयों पर सर्वश्रेष्ठ सुव्यवस्थित बहुआयामी अधीकृत समाचार, आपका अधिकार है। 

भारत माता की संतान के नाते, भारत को पुनः विश्व गुरु बनाने में सहयोग हमारा दायित्व। जिसकी पूर्ति हेतु परिवार के दायित्व पूर्ति में से कुछ समय लगाना आवश्यक है। 
आप यह मानते हैं, तो सनसनी मुक्त मीडिया के पाठक, प्रचारक, टेलीग्राम पर सक्रिय सहभागिता हेतु नीचे दिए गए प्रदेशों की सूची में से अपने प्रदेश, भाषा, विधा व शैली का चयन करें।

अरुणाचल प्रदेश, 
असम, 
आंध्र प्रदेश, 
उत्तराखंड, 
उत्तर प्रदेश, 
ओड़ीसा, 
कर्नाटक, 
केरल, 
गुजरात, 
गोवा+पूना+द्वीप समूह 
छत्तीसगढ़, 
जम्मू कश्मीर, 
झारखंड, 

तमिलनाडु, 
तेलंगाना, 
नागालैंड, 
पंजाब, 
बिहार, 
बंगाल, 
मध्य प्रदेश, 
मणिपुर, 
महाराष्ट्र, 
मीज़ोरम, 
राजस्थान, 
हरियाणा, 
हिमाचल प्रदेश, 
 (, सप्त प्रदेश, , , , त्रिपुरा, )  
चंडीगढ़ केंशा, 

नई दिल्ली 

क्या आपकी आयु 60 से अधिक है और आप जीवन में जो अर्जित करना था कर चुके हैं? यदि हां, तो नाती पोतों में समय लगाने के साथ ही देश हित सोचने का समय आ गया है।

इदं न मम्! शारीरिक क्षमता भले न सही, अनुभव तो है। समय तो है। भाव है- मेरे पास जो कुछ भी है, इस राष्ट्र का है, राष्ट्र के लिए है, राष्ट्र को समर्पित है। 

✔  एक 

✔ दो 

सारे तंत्र मंत्र यंत्र :


लगभग सब कुछ 


आसपास वातावरण बनाना है


भाषा में अनुवाद करना है


सकारात्मक समाचार का निर्माण


समाज में संपर्क

भारत में 130 करोड़ लोग रहते हैं उनमें से भारतीय वही, जो भारत के लिए समर्पित हैं। अन्य सभी हम पर, बोझ है विश्व गुरु के मार्ग की बाधा, नायक नहीं विदेशी खलनायक हैं। उनके लिए 70 वर्ष ऊर्जा नष्ट करते रहे हैं। किन्तु लंबे समय तक धर्म निरपेक्षता की आड़ में शर्म निरपेक्षता में राष्ट्रीय क्षमता लुटाते रहे हैं। भले ही भारत की मूल शक्तियां, सामर्थ्य जड़ों को मिटाकर स्वार्थ पूर्ति को प्राथमिकता दी गई। अब सब उलट सामान्य किया जा सकता है, ऐसे विकल्प उपलब्ध निर्माण हो रहे हैं।  जो इस मार्ग में बाधक हैं उनसे देश की क्षति को हम रोक सकते हैं। इन उपकरणों को आपके सहयोग के द्वारा आपका भविष्य सुधरेगा और आप अधिक सुरक्षित रहेंगे। अपने व अपनी आगामी पीढ़ियों के लिए वर्तमान को लगाने के अवसर को आधार बनाएं। 

आइए हम सब मिलकर भारत का भविष्य निर्माण का संकल्प लें!

हाँ, मेरी आयु 60 वर्ष से अधिक है और मैं यह मानते हुए कि मेरे पास जो कुछ भी है, इस राष्ट्र का है, राष्ट्र के लिए है, राष्ट्र को समर्पित करना चाहता/चाहती हूं। 


भारत के 70 वर्षीय शासन में से 60 वर्ष केवल स्वार्थ पर बल दिया गया, एवं समाज ने अधिकांश इसी का अनुसरण किया है जो नए, परिदृश्य में हम बदलना चाहते हैं। आप योग्य है कि नहीं, इसकी चिंता किए बिना YDMS👑 में विश्वास रखते हुए अपने मार्ग का चयन करें। तथा दिए गए निर्देशों का पालन करने का प्रयास करें। शेष हम कर ही रहे हैं। 

प्रथम पग:

जिले सहित सूची में अपना प्रदेश चुनें।

दूसरा पग:


यदि आप जुड़ सकते है, तो कृपया अपना संपर्क नं सहित, विवरण छोड़ दें। प्रस्तुत सूची में से समूह चुनें, तथा अपनी सुविधानुसार दायित्व संभाल सकें। फिर इस व्यापक मीडिया समूह की विराट श्रृंखला व्यवस्था को एक शीर्ष मीडिया के स्थान तक ले जाने का कार्य कर सकते हैं।  
टेलीग्राम पर हमसे जुड़ें व अपना पूरा परिचय (प्रोफाइल) में विवरण अवश्य दें, मोबाइल नं सहित। हो सके तो फोन पर बात भी करें। 

- तिलक रेलन आज़ाद वरिष्ठ पत्रकार,  
युगदर्पण®2001 मीडिया समूह YDMS👑
 https://t.me/ydmstm 
https://t.me/+QfZWlLlCkaQxNDdl 

Sunday, March 13, 2022

👉जनादेश 2022 का निष्कर्ष ?👈

👉जाने इस जनादेश 2022 का अर्थ 👈 आज़ाद कलम ✍️ 

मणिपुर से आरंभ करें - कभी नागालैंड मणिपुर सशस्त्र विद्रोही स्वर से गूंजते थे। फिर शांति स्थापना के भिन्न भिन्न प्रयोग आरम्भ हुए। इन्हीं प्रयोगों में सरकार बनती बिगड़ती रहती थी। प्रायः ऐसी ही स्थिति गोवा की भी रही। स्थायित्व प्रदान करने में सफलता नहीं मिलती।  

मणिपुर में एक स्थान पर जय और पराजय का निर्णय मात्र 50 मतों के अंतर हुआ। 

भाजपा के उषम देबेन सिंह ने 50 मतों से जीता चुनाव। 

मणिपुर के वाबगई विधानसभा क्षेत्र पर भाजपा के उषम देबेन सिंह ने कांग्रेस के फजुर रहीम को मात्र 50 मतों से हराया। मणिपुर में 22 प्रत्याशियों की जय और पराजय का निर्णय हजार मतों के अंतर से हुआ। बता दें कि भाजपा ने पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में स्पष्ट विजय अर्जित की है और 60 स्थानों में से 32 पर विजय अंकित की है। विपक्षी दल कांग्रेस अपना अब तक का सबसे निकृष्ट प्रदर्शन करते हुए मात्र 5 स्थानों पर सिमट गई जबकि 2017 में वह सबसे बड़ी पार्टी थी। जबकि, 3 बार मुख्यमंत्री रह चुके इबोबी सिंह ने थौबल सीट से जीत प्राप्त की। 

‘जेडीयू को गत चुनाव में विजय नहीं मिली थी’

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) ने 6 और नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) ने 7 सीटें जीती। नगा पीपुल्स फ्रंट को 5 सीटें मिली। जदयू को विगत चुनाव में जीत नहीं मिली थी। 2 सीटें कूकी पीपुल्स अलायंस ने विजीत की है। व 3 स्थानों पर निर्दलीय प्रत्याशियों ने जीत प्राप्त की। कांग्रेस अपने बेकार प्रदर्शन के बाद भी 16.8 प्रतिशत मत पाकर सम्मानजनक प्रदर्शन करने में सफल रही। 

‘सहयोगी दल भाजपा को समर्थन देने का प्रस्ताव कर चुके हैं। 

भाजपा प्रदेश प्रमुख ए. शारदा देवी के अनुसार संसदीय बोर्ड, राज्य इकाई के पदाधिकारियों के चर्चा कर, निर्धारित करेगा कि नया मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह मुख्यमंत्री बने रहेंगे, अथवा कौन होगा।’ भाजपा ने मणिपुर में 2017 में मात्र 21 स्थान जीतने पर, क्षेत्रीय दलों NPP और NPF के साथ मिलकर सरकार बनाई थी। विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी की शक्ति बाद में बढ़कर 28 हो गई थी। पार्टी पदाधिकारियों ने कहा कि दोनों सहयोगी दल भाजपा को समर्थन देने का प्रस्ताव कर चुके हैं।

 -तिलक रेलन आज़ाद वरिष्ठ पत्रकार

संपादक युगदर्पण मीडिया समूह YDMS👑

https://t.me/ydms_oll

*👉11वां खेल महाकुंभ गुजरात उद्घाटन मोदी👈*

   *👉गुजरात में 11वें खेल महाकुंभ का उद्घाटन प्रधानमंत्री मोदी👈* 

*युदस/पसुका नदि: 12 मार्च 2022:* गुजरात में 11वें खेल महाकुंभ के उद्घाटन पर बोले प्रधानमंत्री मोदी-

नमस्कार! भारत माता की जय! (टेलीग्राम पर, युगदर्पण, ऑनलाइ समाचार पत्र+YDMS👑 विराट समूह श्रृंखला)

अपने भाषण में मोदी ने,

गुजरात के गवर्नर आचार्य देवव्रत, मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल, भाजपा के अध्यक्ष सी आर पाटिल, गुजरात सरकार में खेल राज्य मंत्री हर्ष सांघवी, सांसद हंसमुख भाई पटेल, नरहरि अमीन और अहमदाबाद के नगर अध्यक्ष किरीट कुमार परमार, सहित अन्य महानुभाव और गुजरात के कोने-कोने से आए युवाओं को सम्बोधित करते हुए कहा- 

मेरे सामने ये युवा जोश का ये सागर, ये उमंग, ये उत्साह की लहरें, ये स्पष्ट बता रही हैं कि गुजरात का नवयुवक आप सब आकाश छूने के लिए तैयार हैं। ये न केवल खेलों का महाकुंभ है, बल्कि ये गुजरात की युवा शक्ति का भी महाकुंभ है। इसके साथ ही मोदी ने 11वें खेल महाकुंभ के लिए सभी युवाओं को ढेर सारी शुभकामनाएं दी। तथा गुजरात सरकार को, विशेष रूप से मुख्यमंत्री भूपेन्द्र भाई पटेल को भी इस भव्य आयोजन के लिए बहुत-बहुत बधाई दी। मोदी ने कहा, कोरोना के कारण दो वर्षों तक खेल महाकुंभ स्थगित रहा। किन्तु भूपेन्द्र भाई ने जिस भव्यता के साथ इस आयोजन को आरंभ किया है, उसने युवा खिलाड़ियों को नए जोश से भर दिया है।

मोदी ने, 

मुझे याद है, 12 वर्ष पूर्व 2010 में गुजरात के मुख्‍यमंत्री के नाते, उस कार्यकाल में खेल महाकुंभ के आरंभ को स्मरण करते कहा, अपने बोए सपने के बीज को, आज इतने विशाल वटवृक्ष का आकार लेते देख रहा हूँ। 2010 में प्रथम खेल महाकुंभ में ही गुजरात ने 16 खेलों में 13 लाख खिलाड़ियों के साथ इसका आरंभ किया था। जबकि 2019 में हुये खेल महाकुंभ में ये भागीदारी 13 लाख से 40 लाख युवाओं तक पहुँच गई थी। 36 खेलों, और 26 अर्ध-खेलों में 40 लाख खिलाड़ी! कबड्डी, खो-खो तथा रस्साकसी से लेकर योगासन और मल्लखंभ तक! मोदी ने कहा- स्केटिंग और टेनिस से लेकर फेंसिंग तक, प्रत्येक खेल में हमारे युवा आज कमाल कर रहे हैं और अब ये आंकड़ा 40 लाख को पार करके 55 लाख पहुंच रहा है। 

‘शक्तिदूत’ जैसे कार्यक्रमों के द्वारा खेल महाकुंभ के खिलाड़ियों को सहयोग देने का दायित्व भी सरकार उठा रही है। और ये जो सतत अविराम प्रयास किये गए, खिलाड़ियों ने जो साधना की और जब खिलाड़ी प्रगति करता है तो उसके पीछे एक लंबी तपस्‍या होती है। जो संकल्प गुजरात के लोगों ने मिलकर लिया था, वो आज विश्व में अपना परचम लहरा रहा है। 

नौजवान को सम्बोधित करते मोदी बोले, ये गुजरात की युवा शक्ति का आपको गर्व है? गुजरात के खिलाड़ी पराक्रम कर रहे हैं, आपको गर्व हो रहा है? खेल महाकुंभ से निकलने वाले युवा ओलम्पिक, कॉमनवेल्थ और एशियन खेलों सहित कई वैश्विक खेलों में आज देश का और गुजरात का युवा अपनी छटा बिखेर रहे हैं। ऐसी ही प्रतिभाएं इस महाकुंभ से भी आपके बीच से ही निकलने वाली हैं। खिलाड़ी युवा तैयार करते हैं। खेल के मैदान से उभरते हैं और पूरे भारत का ध्वज विश्व में लहराते हैं।

मोदी ने आगे कहा, एक समय था जब खेल जगत में भारत की पहचान केवल एक दो खेलों के बल पर टिकी थी। इसका परिणाम ये हुआ कि जो खेल देश के गौरव और पहचान से जुड़े थे, उन्हें भी भुला दिया गया। इस कारण से खेलों से जुड़े संसाधन बढ़ाने, खेल आधार भूत संरचना को आधुनिक बनाने पर ध्यान देना चाहिए था, जितनी प्राथमिकता देनी चाहिए थी, वो एक प्रकार से रुक गया था। इतना ही नहीं, जैसी राजनीति में भाई-भतीजावाद घुस गया है, खेल जगत में भी खिलाड़ियों के चयन में पारदर्शिता की कमी भी एक बहुत बड़ा कारण था। खिलाड़ियों की सारी प्रतिभा समस्याओं से जूझने में ही निकल जाती थी। उस भंवर से निकलकर भारत के युवा आज आकाश छू रहे हैं। स्वर्ण और रजत की चमक देश के आत्मविश्वास को भी चमका रही है और चमत्कार का अनुभव भी करा रही है। विश्व का सबसे युवा देश खेल के मैदान में भी एक शक्ति बनकर उभर रहा है। टोक्यो ओलम्पिक और अर्द्धओलम्पिक, उसमें हमारे खिलाड़ियों ने इस परिवर्तन को प्रमाणित किया है। टोक्यो ओलम्पिक में भारत ने प्रथम बार 7 पदक जीते हैं। यही स्थिति भारत के बेटे-बेटियों ने टोक्यो अर्द्धओलम्पिक में भी बनाया। भारत ने इस वैश्विक प्रतियोगिता में 19 पदक जीते। किन्तु, साथियों, ये तो आरम्भ है। न भारत रुकने वाला है, न थकने वाला है। मुझे मेरे देश की युवा शक्ति पर विश्वास है, मुझे मेरे देश के युवा खिलाड़ियों की तपस्या पर विश्वास है, मुझे मेरे देश के युवा खिलाड़ियों के सपने, संकल्प और समर्पण पर विश्वास है। और इसलिए आज मैं लाखों युवाओं के सामने साहस के साथ कह सकता हूं कि भारत की युवा शक्ति इसे बहुत आगे लेकर जाएगी। वो दिन दूर नहीं जब हम कई खेलों में, कई पदक एक साथ जीतने वाले देशों में भारत का तिरंगा लहराएंगे। अभी है- 

 https://t.me/ydms_oll

11वां खेल महाकुंभ गुजरात का उद्घाटन - मोदी

  *👉गुजरात में 11वें खेल महाकुंभ का उद्घाटन प्रधानमंत्री मोदी👈* 

*युदस/पसुका नदि: 12 मार्च 2022:* गुजरात में 11वें खेल महाकुंभ के उद्घाटन पर बोले प्रधानमंत्री मोदी-

नमस्कार! भारत माता की जय! (टेलीग्राम पर, युगदर्पण, ऑनलाइ समाचार पत्र+YDMS👑 विराट समूह श्रृंखला)

अपने भाषण में मोदी ने,

गुजरात के गवर्नर आचार्य देवव्रत, मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल, भाजपा के अध्यक्ष सी आर पाटिल, गुजरात सरकार में खेल राज्य मंत्री हर्ष सांघवी, सांसद हंसमुख भाई पटेल, नरहरि अमीन और अहमदाबाद के नगर अध्यक्ष किरीट कुमार परमार, सहित अन्य महानुभाव और गुजरात के कोने-कोने से आए युवाओं को सम्बोधित करते हुए कहा- 

मेरे सामने ये युवा जोश का ये सागर, ये उमंग, ये उत्साह की लहरें, ये स्पष्ट बता रही हैं कि गुजरात का नवयुवक आप सब आकाश छूने के लिए तैयार हैं। ये न केवल खेलों का महाकुंभ है, बल्कि ये गुजरात की युवा शक्ति का भी महाकुंभ है। इसके साथ ही मोदी ने 11वें खेल महाकुंभ के लिए सभी युवाओं को ढेर सारी शुभकामनाएं दी। तथा गुजरात सरकार को, विशेष रूप से मुख्यमंत्री भूपेन्द्र भाई पटेल को भी इस भव्य आयोजन के लिए बहुत-बहुत बधाई दी। मोदी ने कहा, कोरोना के कारण दो वर्षों तक खेल महाकुंभ स्थगित रहा। किन्तु भूपेन्द्र भाई ने जिस भव्यता के साथ इस आयोजन को आरंभ किया है, उसने युवा खिलाड़ियों को नए जोश से भर दिया है।

मोदी ने, 

मुझे याद है, 12 वर्ष पूर्व 2010 में गुजरात के मुख्‍यमंत्री के नाते, उस कार्यकाल में खेल महाकुंभ के आरंभ को स्मरण करते कहा, अपने बोए सपने के बीज को, आज इतने विशाल वटवृक्ष का आकार लेते देख रहा हूँ। 2010 में प्रथम खेल महाकुंभ में ही गुजरात ने 16 खेलों में 13 लाख खिलाड़ियों के साथ इसका आरंभ किया था। जबकि 2019 में हुये खेल महाकुंभ में ये भागीदारी 13 लाख से 40 लाख युवाओं तक पहुँच गई थी। 36 खेलों, और 26 अर्ध-खेलों में 40 लाख खिलाड़ी! कबड्डी, खो-खो तथा रस्साकसी से लेकर योगासन और मल्लखंभ तक! मोदी ने कहा- स्केटिंग और टेनिस से लेकर फेंसिंग तक, प्रत्येक खेल में हमारे युवा आज कमाल कर रहे हैं और अब ये आंकड़ा 40 लाख को पार करके 55 लाख पहुंच रहा है। 

‘शक्तिदूत’ जैसे कार्यक्रमों के द्वारा खेल महाकुंभ के खिलाड़ियों को सहयोग देने का दायित्व भी सरकार उठा रही है। और ये जो सतत अविराम प्रयास किये गए, खिलाड़ियों ने जो साधना की और जब खिलाड़ी प्रगति करता है तो उसके पीछे एक लंबी तपस्‍या होती है। जो संकल्प गुजरात के लोगों ने मिलकर लिया था, वो आज विश्व में अपना परचम लहरा रहा है। 

नौजवान को सम्बोधित करते मोदी बोले, ये गुजरात की युवा शक्ति का आपको गर्व है? गुजरात के खिलाड़ी पराक्रम कर रहे हैं, आपको गर्व हो रहा है? खेल महाकुंभ से निकलने वाले युवा ओलम्पिक, कॉमनवेल्थ और एशियन खेलों सहित कई वैश्विक खेलों में आज देश का और गुजरात का युवा अपनी छटा बिखेर रहे हैं। ऐसी ही प्रतिभाएं इस महाकुंभ से भी आपके बीच से ही निकलने वाली हैं। खिलाड़ी युवा तैयार करते हैं। खेल के मैदान से उभरते हैं और पूरे भारत का ध्वज विश्व में लहराते हैं।

मोदी ने आगे कहा, एक समय था जब खेल जगत में भारत की पहचान केवल एक दो खेलों के बल पर टिकी थी। इसका परिणाम ये हुआ कि जो खेल देश के गौरव और पहचान से जुड़े थे, उन्हें भी भुला दिया गया। इस कारण से खेलों से जुड़े संसाधन बढ़ाने, खेल आधार भूत संरचना को आधुनिक बनाने पर ध्यान देना चाहिए था, जितनी प्राथमिकता देनी चाहिए थी, वो एक प्रकार से रुक गया था। इतना ही नहीं, जैसी राजनीति में भाई-भतीजावाद घुस गया है, खेल जगत में भी खिलाड़ियों के चयन में पारदर्शिता की कमी भी एक बहुत बड़ा कारण था। खिलाड़ियों की सारी प्रतिभा समस्याओं से जूझने में ही निकल जाती थी। उस भंवर से निकलकर भारत के युवा आज आकाश छू रहे हैं। स्वर्ण और रजत की चमक देश के आत्मविश्वास को भी चमका रही है और चमत्कार का अनुभव भी करा रही है। विश्व का सबसे युवा देश खेल के मैदान में भी एक शक्ति बनकर उभर रहा है। टोक्यो ओलम्पिक और अर्द्धओलम्पिक, उसमें हमारे खिलाड़ियों ने इस परिवर्तन को प्रमाणित किया है। टोक्यो ओलम्पिक में भारत ने प्रथम बार 7 पदक जीते हैं। यही स्थिति भारत के बेटे-बेटियों ने टोक्यो अर्द्धओलम्पिक में भी बनाया। भारत ने इस वैश्विक प्रतियोगिता में 19 पदक जीते। किन्तु, साथियों, ये तो आरम्भ है। न भारत रुकने वाला है, न थकने वाला है। मुझे मेरे देश की युवा शक्ति पर विश्वास है, मुझे मेरे देश के युवा खिलाड़ियों की तपस्या पर विश्वास है, मुझे मेरे देश के युवा खिलाड़ियों के सपने, संकल्प और समर्पण पर विश्वास है। और इसलिए आज मैं लाखों युवाओं के सामने साहस के साथ कह सकता हूं कि भारत की युवा शक्ति इसे बहुत आगे लेकर जाएगी। वो दिन दूर नहीं जब हम कई खेलों में, कई पदक एक साथ जीतने वाले देशों में भारत का तिरंगा लहराएंगे। अभी है- 

 https://t.me/ydms_oll

11वां खेल महाकुंभ उद्घाटन गुजरात - मोदी

 *👉गुजरात में 11वें खेल महाकुंभ का उद्घाटन प्रधानमंत्री मोदी👈* 

*युदस/पसुका नदि: 12 मार्च 2022:* गुजरात में 11वें खेल महाकुंभ के उद्घाटन पर बोले प्रधानमंत्री मोदी-

नमस्कार! भारत माता की जय! टेलीग्राम पर, युगदर्पण,ऑनलाइ समाचार पत्र)

अपने भाषण में मोदी ने,

गुजरात के गवर्नर आचार्य देवव्रत, मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल, भाजपा के अध्यक्ष सी आर पाटिल, गुजरात सरकार में खेल राज्य मंत्री हर्ष सांघवी, सांसद हंसमुख भाई पटेल, नरहरि अमीन और अहमदाबाद के नगर अध्यक्ष किरीट कुमार परमार, सहित अन्य महानुभाव और गुजरात के कोने-कोने से आए युवाओं को सम्बोधित करते हुए कहा-


मेरे सामने ये युवा जोश का ये सागर, ये उमंग, ये उत्साह की लहरें, ये स्पष्ट बता रही हैं कि गुजरात का नवयुवक आप सब आकाश छूने के लिए तैयार हैं। ये न केवल खेलों का महाकुंभ है, बल्कि ये गुजरात की युवा शक्ति का भी महाकुंभ है। इसके साथ ही मोदी ने 11वें खेल महाकुंभ के लिए सभी युवाओं को ढेर सारी शुभकामनाएं दी। तथा गुजरात सरकार को, विशेष रूप से मुख्यमंत्री भूपेन्द्र भाई पटेल को भी इस भव्य आयोजन के लिए बहुत-बहुत बधाई दी। मोदी ने कहा, कोरोना के कारण दो वर्षों तक खेल महाकुंभ स्थगित रहा। किन्तु भूपेन्द्र भाई ने जिस भव्यता के साथ इस आयोजन को आरंभ किया है, उसने युवा खिलाड़ियों को नए जोश से भर दिया है। 


मोदी ने,


मुझे याद है, 12 वर्ष पूर्व 2010 में गुजरात के मुख्‍यमंत्री के नाते, उस कार्यकाल में खेल महाकुंभ के आरंभ को स्मरण करते कहा, अपने बोए सपने के बीज को, आज इतने विशाल वटवृक्ष का आकार लेते देख रहा हूँ। 2010 में प्रथम खेल महाकुंभ में ही गुजरात ने 16 खेलों में 13 लाख खिलाड़ियों के साथ इसका आरंभ किया था। जबकि 2019 में हुये खेल महाकुंभ में ये भागीदारी 13 लाख से 40 लाख युवाओं तक पहुँच गई थी। 36 खेलों, और 26 अर्ध-खेलों में 40 लाख खिलाड़ी! कबड्डी, खो-खो तथा रस्साकसी से लेकर योगासन और मल्लखंभ तक! मोदी ने कहा- स्केटिंग और टेनिस से लेकर फेंसिंग तक, प्रत्येक खेल में हमारे युवा आज कमाल कर रहे हैं और अब ये आंकड़ा 40 लाख को पार करके 55 लाख पहुंच रहा है। 

‘शक्तिदूत’ जैसे कार्यक्रमों के द्वारा खेल महाकुंभ के खिलाड़ियों को सहयोग देने का दायित्व भी सरकार उठा रही है। और ये जो सतत अविराम प्रयास किये गए, खिलाड़ियों ने जो साधना की और जब खिलाड़ी प्रगति करता है तो उसके पीछे एक लंबी तपस्‍या होती है। जो संकल्प गुजरात के लोगों ने मिलकर लिया था, वो आज विश्व में अपना परचम लहरा रहा है। 


नौजवान को सम्बोधित करते मोदी बोले, ये गुजरात की युवा शक्ति का आपको गर्व है? गुजरात के खिलाड़ी पराक्रम कर रहे हैं, आपको गर्व हो रहा है? खेल महाकुंभ से निकलने वाले युवा ओलम्पिक, कॉमनवेल्थ और एशियन खेलों सहित कई वैश्विक खेलों में आज देश का और गुजरात का युवा अपनी छटा बिखेर रहे हैं। ऐसी ही प्रतिभाएं इस महाकुंभ से भी आपके बीच से ही निकलने वाली हैं। खिलाड़ी युवा तैयार करते हैं। खेल के मैदान से उभरते हैं और पूरे भारत का ध्वज विश्व में लहराते हैं।


मोदी ने आगे कहा, एक समय था जब खेल जगत में भारत की पहचान केवल एक दो खेलों के बल पर टिकी थी। इसका परिणाम ये हुआ कि जो खेल देश के गौरव और पहचान से जुड़े थे, उन्हें भी भुला दिया गया। इस कारण से खेलों से जुड़े संसाधन बढ़ाने, खेल आधार भूत संरचना को आधुनिक बनाने पर ध्यान देना चाहिए था, जितनी प्राथमिकता देनी चाहिए थी, वो एक प्रकार से रुक गया था। इतना ही नहीं, जैसी राजनीति में भाई-भतीजावाद घुस गया है, खेल जगत में भी खिलाड़ियों के चयन में पारदर्शिता की कमी भी एक बहुत बड़ा कारण था। खिलाड़ियों की सारी प्रतिभा समस्याओं से जूझने में ही निकल जाती थी। उस भंवर से निकलकर भारत के युवा आज आकाश छू रहे हैं। स्वर्ण और रजत की चमक देश के आत्मविश्वास को भी चमका रही है और चमत्कार का अनुभव भी करा रही है। विश्व का सबसे युवा देश खेल के मैदान में भी एक शक्ति बनकर उभर रहा है। टोक्यो ओलम्पिक और अर्द्धओलम्पिक, उसमें हमारे खिलाड़ियों ने इस परिवर्तन को प्रमाणित किया है। टोक्यो ओलम्पिक में भारत ने प्रथम बार 7 पदक जीते हैं। यही स्थिति भारत के बेटे-बेटियों ने टोक्यो अर्द्धओलम्पिक में भी बनाया। भारत ने इस वैश्विक प्रतियोगिता में 19 पदक जीते। किन्तु, साथियों, ये तो आरम्भ है। न भारत रुकने वाला है, न थकने वाला है। मुझे मेरे देश की युवा शक्ति पर विश्वास है, मुझे मेरे देश के युवा खिलाड़ियों की तपस्या पर विश्वास है, मुझे मेरे देश के युवा खिलाड़ियों के सपने, संकल्प और समर्पण पर विश्वास है। और इसलिए आज मैं लाखों युवाओं के सामने साहस के साथ कह सकता हूं कि भारत की युवा शक्ति इसे बहुत आगे लेकर जाएगी। वो दिन दूर नहीं जब हम कई खेलों में, कई पदक एक साथ जीतने वाले देशों में भारत का तिरंगा लहराएंगे। अभी है- 

 https://t.me/ydms_oll